ANDCP ACTIVITIES

Welcome ........... ANDCPian.Please,involve in it. This blog is extremely devoted to provide you all activities & latest information of A.N.D.C.P.

Friday 14 October 2011


                  अम्माँ की गोदी में

मैं न जाने कहाँ कहाँ भटका इस दुनिया की बोगी में,
जब आँख खुली तो खुद पाया अम्माँ की गोदी में.
मुझे  नया संसार मिला था,
एक अनोखा प्यार मिला था,
मानव तन मुझको प्रकृति से उपहार मिला था.
मेरे आने की खबर सुनकर नानी  मौसी आयीं थी,
मेरी खतिर वो खूब खिलोने लायीं थी.
मुझको उठा के मेरी मौसी फिर गांठ लगाई चोटी में,
जब आँख खुली तो खुद को पाया अम्माँ की गोदी में.
एक दिन मेरी हट पर चंदा धरती पर आया था,
मैंने ही तो हांथी को भुरके में बंद कराया था.
जब जब मैं अपनी इन नटखट यादों में खो जाता हूँ ,
बैठ के घर के कोने में अंखियों से अश्रु बहाता हूँ.
हर गलती मेरी माँफ हुई, मैं जब जब पकड़ा जाता चोरी में,
जब आँख खली तो खुद को पाया अम्माँ की गोदी में.
जब  पहली बार मैं जीता था,
जीत नही वो मेरी थी,वो अम्मा मेरी जीती थी,
एक दिन जीत के आऊंगा एसा अम्माँ मेरी कहती थी.
ऐसी मेरी लाखों जीते अम्मा को मेरी अर्पित हैं,
ऐसे मेरे सौ सौ जीवन अम्माँ को मेरी समर्पित हैं.

अम्माँ की मेरी इच्छा थी मैं बिलकुल अशोक महान
बनू,
एक विनय है मेरे मालिक हर जन्म मैं अपनी अम्माँ  का लाल बनू.
याद मुझे अब भी वो दिन है जब पहली बार अम्माँ ने गांठ लगाई थी मेरी लंगोटी में,
जब आँख खुली तो खुद को पाया अम्माँ की गोदी में.


                       सौरभ जयसवाल
                             बी फार्म थर्ड इयर